🌟 कहानी का नाम: “चाँद की मुस्कान”
एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में आरव नाम का प्यारा बच्चा रहता था। आरव बहुत जिज्ञासु था और हर चीज़ के बारे में सवाल पूछता था।
हर रात वह आसमान की ओर देखता और चाँद से बातें करता।
एक दिन आरव ने चाँद से पूछा –
“चाँद मामा, आप हर दिन क्यों कभी पूरे दिखते हो, कभी आधे और कभी गायब हो जाते हो?”
चाँद मुस्कराया और बोला –
“बेटा, मैं कभी भी गायब नहीं होता। मैं तो हमेशा आसमान में रहता हूँ, बस सूरज की रोशनी मेरे अलग-अलग हिस्सों पर पड़ती है, इसलिए मैं कभी पूरा तो कभी अधूरा लगता हूँ।”
आरव बोला – “मतलब, कभी-कभी हम चीज़ों को जैसा देखते हैं, वैसा वो असल में नहीं होतीं?”
चाँद बोला – “बिलकुल सही! जैसे अगर आज तुम किसी चीज़ में असफल हो जाओ, तो इसका मतलब ये नहीं कि तुम हार गए। बस वक्त का साया तुम्हें ढक लेता है, और जब सही समय आता है, तुम फिर से चमकने लगते हो।”
आरव ने ये बात दिल से समझ ली। उस दिन से उसने तय किया कि वह कभी हार नहीं मानेगा।
वो हर दिन कुछ नया सीखता और हर रात चाँद मामा को अपनी प्रगति बताता।
धीरे-धीरे आरव पूरे गाँव में सबसे होशियार और खुशमिजाज बच्चा बन गया।
चाँद मामा जब भी आसमान से देखते, तो मुस्कुराते हुए कहते —
“देखो, मेरी सीख ने धरती पर एक और सितारा जगा दिया है!” 🌙✨
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🌼 सीख:
कभी खुद को अधूरा या असफल मत समझो।
हर व्यक्ति में चमक है — बस समय आने पर वो उजाला फैलाती है। 🌟