कलेक्टर की संपत्ति कुर्क करने का आदेश,, न्यायालय ने जारी किया कुर्की वारंट,,
छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा के जिला अपर सत्र न्यायालय ने कलेक्टर की संपत्ति कुर्क करने के आदेश दिए है। न्यायालय ने इसके लिए कुर्की वारंट जारी कर दिया है। यह आदेश एक व्यापारी की याचिका पर सुनवाई के बाद आया है। व्यापारी ने बाढ़ राहत शाखा के कहने पर 92 हजार रुपए से अधिक का सामान क्रय किया था। लेकिन भुगतान नहीं किया गया।
मिली जानकारी के अनुसार 2007 में सिंघानिया जनरल स्टोर से 92 हजार 308 रुपए का सामान कलेक्ट्रेट के बाढ़ राहत शाखा से खरीदा गया था। अधिकारियों के आदेश पर समान की सप्लाई भी की गई। लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण व्यापारी को भुगतान नहीं किया गया। इसके भुगतान के लिए दुकान संचालक बार-बार बाढ़ राहत शाखा में आवेदन दे रहा था, लेकिन कलेक्टर के दफ्तर के सैकड़ों चक्कर काटने काटने के बाद भी भुगतान नहीं किया गया। 15 साल बाद भी कलेक्ट्रेट से इन सामानों का भुगतान नहीं किया गया है। इसके बाद दुकान संचालक ने कोर्ट में याचिका दायर की। मामले में सुनवाई के बाद प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश बी पी वर्मा ने कलेक्ट्रेट की संपत्ति कुर्क करने के आदेश जारी कर दिए है। जिला न्यायालय के प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश बीपी वर्मा ने अपने आदेश में कुल राशि 12 प्रतिशत ब्याज जोड़कर 1 लाख 7 हजार रुपए कलेक्टर के शासकीय संपत्तिओं को कुर्क कर भुगतान करने के आदेश दिए है। इस आदेश के बाद या तो व्यापारी को पैसे का भुगतान किया जाएगा या फिर कलेक्टर की कार और फर्नीचर आदि अन्य शासकीय संपत्तियों की नीलामी कर व्यापारी को भुगतान किया जाएगा। खास बात यह है कि इसमें कलेक्टर की निजी संपत्ति नहीं, बल्कि कलेक्टर ऑफिस की संपत्ति बिकेगी। इसमें कलेक्टर की कार से लेकर अन्य शासकीय सम्पत्तियों की नीलामी की जाएगी।
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