📰 सुनामी मीडिया न्यूज़ रिपोर्ट
मऊगंज जिले में छात्रावासों की बदहाली: अधीक्षकों की मनमानी से छात्र बेहाल, सरकारी सुविधाएं सिर्फ कागज़ों तक सीमित
मऊगंज।
मऊगंज जिले में संचालित छात्रावासों की स्थिति बेहद चिंताजनक होती जा रही है। सरकारी योजनाओं और सुविधाओं का लाभ छात्रों तक पहुँचने के बजाय केवल कागज़ों में सिमट कर रह गया है। छात्रावासों में तैनात अधीक्षक विद्यालयों से नदारद रहते हैं, जिससे बच्चों को मूलभूत सुविधाओं के लिए भी जूझना पड़ रहा है।
सूत्रों के अनुसार, सरकार द्वारा छात्रावासों के लिए लाखों रुपये प्रतिवर्ष भोजन, निवास और शिक्षा पर खर्च किए जाते हैं, लेकिन इनका वास्तविक लाभ छात्रों तक नहीं पहुँच रहा। वरिष्ठ अधिकारियों की अनदेखी और अधीक्षकों की मनमानी इस स्थिति के प्रमुख कारण बताए जा रहे हैं।
सबसे गंभीर मामला यह है कि कई अधीक्षकों को एक से अधिक छात्रावासों का प्रभार सौंप दिया गया है। कुछ अधीक्षक तो रीवा जैसे अन्य जिलों में निवास कर केवल नाम मात्र का संचालन कर रहे हैं। इसका नतीजा यह है कि छात्रावासों में अनुशासनहीनता, भोजन व्यवस्था और स्वच्छता की हालत बद से बदतर हो चुकी है।
हालांकि शिकायतें कई बार उच्चाधिकारियों तक पहुँचीं और एक बार मामले का खुलासा भी हुआ, लेकिन कार्रवाई के नाम पर केवल प्रतिवेदन बनाकर फाइलें ठंडे बस्ते में डाल दी गईं।
छात्र और अभिभावक इस स्थिति से खासे नाराज़ हैं। उनका कहना है कि जिम्मेदार अधिकारी सबकुछ जानते हुए भी चुप्पी साधे बैठे हैं। जनता की मांग है कि इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि छात्रावासों में रह रहे बच्चों को उनका हक मिल सके और सरकार की योजनाओं का लाभ सही मायनों में वास्तविक जरूरतमंदों तक पहुँच पाए।
👉 रिपोर्ट: सुनामी मीडिया