बिलासपुर, 27 अगस्त 2025।
भारतीय संगीत के महान गायक मुकेश जी की जीवन-यात्रा जितनी सुरमयी रही, उतनी ही रोमांचक और प्रेरणादायी उनकी प्रेम कहानी भी है। यह कहानी बिल्कुल किसी हिंदी फ़िल्म के रोमांटिक प्लॉट जैसी लगती है।
मुकेश जी की पत्नी का नाम सरल था, और उनका स्वभाव भी बेहद सरल। वह एक अमीर गुजराती ब्राह्मण बिजनेस परिवार से थीं। मुकेश जी, सरल के भाई के दोस्त थे और अक्सर उनके घर आते-जाते रहते थे। इसी बीच दोनों की मुलाक़ातें बढ़ीं और नैनों से नैन मिलने का सिलसिला प्रेम कहानी में बदल गया।
लेकिन सरल के माता-पिता इस रिश्ते के लिए तैयार नहीं थे। वजह साफ़ थी—मुकेश यूपी के कायस्थ परिवार से थे, फिल्म इंडस्ट्री में स्ट्रगल कर रहे थे, स्थायी कामकाज नहीं था और पारिवारिक पृष्ठभूमि भी अलग। मगर इश्क़ में डूबे दिल कहां किसी की परवाह करते हैं?
मुकेश जी अक्सर सरल के घर के बाहर घंटों खड़े रहते, बारिश हो या धूप। संदेशों का आदान-प्रदान सरल की छोटी बहन और उनकी एक सहेली करती थीं। आखिरकार, दोनों ने शिव मंदिर में गुपचुप मुलाकात तय की। 22 जुलाई 1946, यानी मुकेश जी के जन्मदिन के दिन, दोनों ने मंदिर में शादी कर ली। उस समय सरल केवल 18 साल की थीं। खास बात यह है कि सरल जी का जन्मदिन भी 22 जुलाई को ही होता था।
इस विवाह में प्रख्यात अभिनेता मोतीलाल ने स्वयं कन्यादान किया था। इस तरह संगीत के सुरों के इस सम्राट ने अपने जीवनसाथी को पा लिया।
27 अगस्त 1976 को अमेरिका के मिशिगन में एक लाइव कॉन्सर्ट के दौरान मात्र 53 वर्ष की आयु में मुकेश जी का निधन हो गया। यह भी एक अजीब इत्तेफाक है कि भारतीय संगीत के तीन सितारे—मुकेश (53), रफ़ी (55) और किशोर कुमार (58)—लगातार कुछ ही वर्षों के अंतराल में दुनिया से विदा हो गए, और तीनों का निधन दिल की बीमारी से हुआ।
आज उनकी पुण्यतिथि पर सुनामी मीडिया महान गायक को शत-शत नमन करता है।
उनकी आवाज़ अमर है और सदियों तक संगीत प्रेमियों के दिलों में गूंजती रहेगी। 🎤✨
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