विश्व निश्चेतना दिवस पर सिम्स में जागरूकता कार्यक्रम, पोस्टर प्रतियोगिता और नुक्कड़ नाटक आयोजित,,
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ आयु विज्ञान संस्थान (सिम्स) के निश्चेतना विभाग द्वारा विश्व निश्चेतना दिवस के अवसर पर एक दिवसीय निश्चेतना संवेदीकरण कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम में पोस्टर प्रतियोगिता, नुक्कड़ नाटक और ऑपरेशन से पूर्व मरीजों के लिए सावधानियों एवं सहमति पत्र की जानकारी शामिल रही।
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य आमजन, विद्यार्थियों और स्वास्थ्यकर्मियों को आपातकालीन परिस्थितियों में निश्चेतना विशेषज्ञों की भूमिका के प्रति जागरूक करना था। पोस्टर प्रतियोगिता का विषय था — “निश्चेतना विशेषज्ञ का आपात स्थिति में योगदान”, जिसमें एमबीबीएस विद्यार्थियों ने बड़ी संख्या में भागीदारी दी।
प्रमुख विजेता छात्र
• प्रथम पुरस्कार – मयंक कुमार एवं पंकज
• द्वितीय पुरस्कार – कृति
• तृतीय पुरस्कार – जयेश एवं दीपक,
निर्णायक मण्डल में डॉ. आरती पांडे, डॉ. संगीता रमन जोगी एवं डॉ. आर.के. बेन शामिल रहे।
कार्यक्रम का संचालन निश्चेतना विभागाध्यक्ष डॉ. मधुमिता मूर्ति के नेतृत्व में हुआ। इस अवसर पर सिम्स के अधिष्ठाता डॉ. रमणेश मूर्ति, प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डॉ. ए.आर. बेन तथा नोडल अधिकारी डॉ. भूपेंद्र कश्यप ने विजेताओं को सम्मानित किया और प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया।
डॉ. मधुमिता मूर्ति ने संबोधित करते हुए कहा कि निश्चेतना विशेषज्ञ केवल ऑपरेशन थिएटर तक सीमित नहीं रहते, बल्कि आईसीयू, दर्द नियंत्रण, आपातकालीन स्थितियों और कार्डियक अरेस्ट में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
सीपीआर जागरूकता सप्ताह संपन्न
सिम्स में 13 से 17 अक्टूबर तक सीपीआर जागरूकता सप्ताह मनाया गया। पूरे सप्ताह छात्रों, जूनियर डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ को जीवनरक्षक तकनीकों का प्रशिक्षण दिया गया।
• 16 अक्टूबर को विश्व निश्चेतना दिवस पर क्विज़ प्रतियोगिता आयोजित की गई।
आज पोस्टर प्रतियोगिता और नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में डीएमई डॉ. यू.एस. पैकरा की गरिमामयी उपस्थिति रही। साथ ही डॉ. भावना राय, डॉ. श्वेता कुजूर, डॉ. मिल्टन देव बर्मन, डॉ. सुरभि बंजारे, डॉ. यश तिवारी, डॉ. प्रशांत पर और डॉ. अर्पण मिश्रा का सहयोग उल्लेखनीय रहा।
अधिष्ठाता एवं विभाग की घोषणा
अधिष्ठाता डॉ. रमणेश मूर्ति ने घोषणा की कि निश्चेतना विभाग द्वारा शीघ्र ही आपातकालीन चिकित्सा, दर्द प्रबंधन और सीपीआर से जुड़े कौशल विकास कार्यक्रम नियमित रूप से शुरू किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि चिकित्सा विद्यार्थियों को व्यावहारिक प्रशिक्षण देकर उन्हें वास्तविक परिस्थितियों के लिए तैयार करना संस्थान की प्राथमिकता है।
विभागाध्यक्ष डॉ. मधुमिता मूर्ति ने बताया कि विश्व निश्चेतना दिवस को संस्थागत गतिविधियों में स्थायी रूप से शामिल किया जाएगा। पोस्टर, क्विज़ और संवेदीकरण कार्यक्रम हर वर्ष आयोजित किए जाएंगे तथा आपातकालीन चिकित्सा व्यवस्थाओं को मजबूत करने के लिए विभाग कार्ययोजना पर काम कर रहा है।